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Saturday, May 7, 2011

मन की बात


लड़कियों के डर भी अजीब होते हैं

भीड़ में हों तो लोगों का डर

अकेले में हों तो सुनसान राहों का डर

गर्मी में हो तो पसीने से भीगने का डर

हवा चले तो दुपट्टे के उड़ने का डर

कोई न देखे तो अपने चेहरे से डर

कोई देखे तो देखने वाले की आँखों से डर

बचपन हो तो माता - पिता का डर

किशोर हों तो भाईओं का डर

यौवन आये तो दुनियावालों का डर

राह में कड़ी धूप हो तो , चेहरे के मुरझाने का डर

बारिश आ जाये तो उसमें भीगने का डर

वो डरती हैं और तब तक डरती हैं

जब तक उन्हें कोई जीवन साथी नहीं मिल जाता

और वही वो व्यक्ति होता है , जिससे वो सबसे ज्यादा डरती है



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