लड़कियों के डर भी अजीब होते हैं
भीड़ में हों तो लोगों का डर
अकेले में हों तो सुनसान राहों का डर
गर्मी में हो तो पसीने से भीगने का डर
हवा चले तो दुपट्टे के उड़ने का डर
कोई न देखे तो अपने चेहरे से डर
कोई देखे तो देखने वाले की आँखों से डर
बचपन हो तो माता - पिता का डर
किशोर हों तो भाईओं का डर
यौवन आये तो दुनियावालों का डर
राह में कड़ी धूप हो तो , चेहरे के मुरझाने का डर
बारिश आ जाये तो उसमें भीगने का डर
वो डरती हैं और तब तक डरती हैं
जब तक उन्हें कोई जीवन साथी नहीं मिल जाता
और वही वो व्यक्ति होता है , जिससे वो सबसे ज्यादा डरती है
Tweet
No comments:
Post a Comment